
आज बाल दिवस के अवसर पर सरगुजा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला, कोरवापारा खाला में के आर टेक्निकल कॉलेज अंबिकापुर के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ, राष्ट्रीय सेवा योजना, सोशल सर्विस कमिटी और मंजूषा एकेडमी अंबिकापुर के संयुक्त तत्वाधान में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती रीनू जैन के मार्गदर्शन और प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा के नेतृत्व में हुआ। कार्यक्रम में बालवाड़ी से पाँचवीं कक्षा तक के छात्रों को ठंड से बचाने के लिए स्वेटर और फल-मिष्ठान इत्यादि वितरित किए गए। महाविद्यालय की डायरेक्टर श्रीमती रीनू जैन ने बच्चों को समाज में सहयोग और सुरक्षा की भावना के महत्व को समझाया और बच्चों को बाल दिवस का महत्व बताते हुए उन्हें शिक्षा और परिश्रम के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा ने बच्चों को संबोधित करते हुए शिक्षा का महत्व और उनके भविष्य में इसके योगदान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चा अपने आप में विशेष है, और शिक्षा का उद्देश्य उनमें न केवल ज्ञान का विकास करना है, बल्कि उन्हें एक सशक्त नागरिक के रूप में तैयार करना है। मंजूषा एकेडमी के डायरेक्टर श्री राहुल जैन ने कहा कि बच्चों को अपने कौशल को पहचान कर भविष्य में आगे बढ़ना चाहिए। श्री जैन ने बच्चों को मेहनत और लगन से पढ़ाई करने की प्रेरणा दी, जिससे वे समाज के अच्छे नागरिक बन सकें।
इस अवसर पर महाविद्यालय के राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी श्री विनितेश गुप्ता के निर्देशन में बच्चों के लिए मनोरंजक खेलकूद गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं, जिनमें राष्ट्रीय सेवा योजना के विभिन्न खेलो के आयोजन शामिल थे। इन खेलों में बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कार्यक्रम में सभी के चेहरों पर खुशियों की झलक दिखाई दी। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय से श्री संदीप डे, श्री वेद प्रकाश पटेल, सुश्री ममता दुबे, सुश्री पल्लवी तिरोले के साथ मंजूषा एकेडमी के शिक्षक श्री मनोज यादव और सुश्री दिव्या सिंह भी उपस्थित रहे। शासकीय प्राथमिक शाला, कोरवापारा खाला के प्राचार्य श्री प्रदीप कुमार श्रीवास्तव और शिक्षिका बसंती पण्डो ने के.आर. टेक्निकल कॉलेज और मंजूषा एकेडमी का आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह की पहल बच्चों में आत्मविश्वास और सेवा की भावना को बढ़ावा देती है। यह आयोजन न केवल एक विशेष अवसर का उत्सव था, बल्कि बच्चों को समाज की जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करने और सहयोग की भावना विकसित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था।
इस कार्यक्रम की कुछ प्रमुख झलकियां इस प्रकार रही –



















