उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के अनुरूप आज महाविद्यालय में नव प्रवेशित छात्र छात्राओं के लिए दीक्षारंभ कार्यक्रम 2024 का आयोजन अंबिकापुर नगर निगम पार्षद श्री मधुसूदन शुक्ला के मुख्य आतिथ्य में किया गया। कार्यक्रम में शासी निकाय के अध्यक्ष श्री कांत दुबे, उपाध्यक्ष श्री राहुल जैन, डायरेक्टर श्रीमती रीनू जैन, प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा, महाविद्यालय के आईक्यूएसी समन्वयक मोहम्मद अफरोज अंसारी, सभी विभागों के विभागप्रमुख, सभी विभागों के सहायक प्राध्यापक और कार्यालयीन स्टाफ उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में नवप्रवेशित छात्रों के पालकगण भी शामिल हुए थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती और स्वामी विवेकानंद जी के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित और पुष्प अर्पित करके किया गया। इस दौरान महाविद्यालय की छात्राओं सुश्री श्रुति जायसवाल, सुश्री सोनल बारी और सुश्री अंजली विश्वकर्मा के द्वारा सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में शासी निकाय के उपाध्यक्ष श्री राहुल जैन ने मुख्य अतिथि श्री मधुसूदन शुक्ला जी का स्वागत शाल और श्रीफल से किया।
अगली कड़ी में महाविद्यालय के शासी निकाय के अध्यक्ष श्री कांत दुबे ने संबोधित करते हुए कहा कि मैं महाविद्यालय परिवार की ओर से मुख्य अतिथि श्री मधुसूदन शुक्ला का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन करता हूं। उन्होंने मां शारदे को नमन करते हुए स्वामी विवेकानंद के विचारों से अवगत कराते हुए बताया कि किसी भी व्यक्ति, परिवार और समाज की प्रगति के लिए आत्मनिर्भरता अनिवार्य है। प्रत्येक छात्र के अंदर संपूर्णता पहले से विराजमान हैं और हमारा लक्ष्य उसे प्राप्त करना है। शिक्षा उस संपूर्णता को प्राप्त करने का एक माध्यम है। शिक्षा के क्षेत्र में एनईपी 2020 पूर्ण स्वतंत्रता के साथ विषय चयन का अधिकार प्रदान करता है जो सरकार का एक महत्वपूर्ण निर्णय है। उन्होंने अंत में सभी सहायक प्राध्यापको और छात्र-छात्राओं को नए सत्र की शुभकामनाएं दी।
अगली कड़ी में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रितेश वर्मा ने सभी नवप्रवेशी छात्र-छात्राओं को महाविद्यालय परिवार की तरफ से स्वागत अभिनंदन करते हुए बताया कि हमारा महाविद्यालय सन् 2008 से संचालित है जो समय के साथ नित नई ऊंचाईयों को छू रहा है। आज महाविद्यालय में 01 विषय में यूजी डिप्लोमा, 07 विषय में यूजी डिग्री, 02 विषय में पीजी डिप्लोमा, 08 विषय में पीजी डिग्री और 01 विषय में रिसर्च अध्ययन केंद्र संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा की हमारे छात्र-छात्राएं सभी विधाओं में जिला स्तर, राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर लगातार पुरुस्कृत हो रहे है । उन्होंने कहा की राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा महाविद्यालय में सभी प्रकार की गतिविधियों का सुचारू रूप से संचालन निरंतर होता रहता है। हमारे छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय के प्रावीण्य सूची में भी अपना जगह हर वर्ष बना रहे है । आगे उन्होंने बताया की के आर टेक्निकल कॉलेज संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय से सम्बद्ध, उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ से मान्यता प्राप्त, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद नई दिल्ली से अनुमोदित और नैक से बी+ प्राप्त महाविद्यालय है। इसके साथ ही महाविद्यालय को आईएसओ सर्टिफिकेट भी मिला हुआ है। उन्होंने बताया की हमारा महाविद्यालय सरगुजा संभाग में एकमात्र इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का भी अध्ययन और परीक्षा केंद्र भी है। उन्होंने कहा की महाविद्यालय हमेशा अपने छात्र-छात्राओं को कुछ ना कुछ नया सिखाते रहता है। आप जो भी पाना चाहते हैं और उसके लिए महाविद्यालय से जो भी मदद चाहते है आप बिना किसी संकोच के अपने इस महाविद्यालय से कह सकते है । अंत में उन्होंने छात्र-छात्राओं को रोज कुछ नया सीखते रहने के लिए प्रेरित किया।
अगली कड़ी में अभिभावक श्री कौशल कुमार पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों जिस स्थान पर आप बैठे हैं ये संस्थान एक शिक्षा का मंदिर है। शिक्षक गण जो आपको शिक्षा दे रहे हैं वह आपके भाग्य निर्माता हैं। सकारात्मक सोच के साथ आप महाविद्यालय आए और शिक्षकों के मार्गदर्शन में उच्च शिक्षा ग्रहण करें। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यदि इंजीनियर के द्वारा मकान में गड़बड़ी होता है तो उसे सुधारा जा सकता है लेकिन बच्चों आपके भविष्य में गड़बड़ी होता है तो उसे सुधारा नहीं जा सकता। मेरे कहने का मतलब यह है कि आप सभी समय का सदुपयोग करते हुए ज्ञान कौशल में पारंगत होकर देश के विकास में योगदान दें।
अगली कड़ी में मुख्य अतिथि श्री मधुसूदन शुक्ला ने अपने संबोधन में कहा की नई शिक्षा नीति रोजगार प्रदान करने में सक्षम है। इसके माध्यम से हम व्यवहारिक शिक्षा ग्रहण करेंगे और रोजगार प्राप्त करने योग्य बनेंगे। 140 करोड़ आबादी होने की वजह से सरकार सबको सरकारी नौकरी नहीं दे सकती है। नई शिक्षा नीति से हमारे अंदर कौशल का विकास होगा जिससे हम रोजगार और व्यवसाय करके राष्ट्र निर्माण में सहयोग कर सकते हैं। छात्रों आप सभी ईमानदारी के साथ लक्ष्य निर्धारित करके शिक्षा अध्ययन करें और अपने कौशल कला का विकास कर स्वयं आगे बढ़े और देश को भी आगे बढ़ाएं।
अंतिम कड़ी में महाविद्यालय के स्वशासी निकाय के उपाध्यक्ष श्री राहुल जैन ने आमंत्रित मुख्य वक्ता श्री मधुसूदन शुक्ला का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि हम सभी को नई शिक्षा नीति 2020 के बारीकी को समझ कर सहर्ष भाव से बच्चों के कल्याण में योगदान देना है। उन्होंने बताया कि हर विश्वविद्यालय और महाविद्यालय का एक कैरिकुलम है और सभी जगह ये दीक्षारंभ समारोह चल रहा है। इस पद्धति से शिक्षित छात्र-छात्राओं को कहीं भी जाने और पढ़ाई और नौकरी करने में परेशानी नहीं होगी। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए नई शिक्षा नीति 2020 लाया गया है। इसका उद्देश्य छात्र-छात्राओं में रोजगार मूलक कौशल कला और शोध की प्रवृत्ति विकसित करना है। इस शिक्षा नीति में शिक्षकों का छात्रों के प्रति विशेष जिम्मेदारी है। आपने नई शिक्षा नीति2020 के दीक्षारंभ समारोह में भाग लेकर आपने ज्ञान और अनुभव से छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाया। मैं महाविद्यालय परिवार की तरफ से सबका हृदय तल से आभार व्यक्त करता हूं।
प्रथम चरण के कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रितेश वर्मा ने मुख्य अतिथि श्री मधुसूदन शुक्ला जी को “एक पौधा मां के नाम” कार्यक्रम के तहत महाविद्यालय परिवार की ओर से एक पौधा भेंट किया।
उसके बाद कार्यक्रम के प्रथम चरण का समापन किया गया और नवप्रवेशी विद्यार्थियों, उनके पालकों, अतिथियों और शिक्षकों के लिए स्वल्पाहार का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे और अंतिम चरण में उच्च शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ के निर्देशानुसार महाविद्यालय के समस्त विभागों एवं शैक्षणिक सुविधाओं से नवप्रवेशित विद्यार्थियों को आईक्यूएसी समन्वयक मोहम्मद अंसारी ने अवगत कराया। उसके बाद राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री विनीतेश गुप्ता ने महाविद्यालय में उपलब्ध विभिन्न गतिविधियों यथा एन.सी.सी. एन.एस.एस, रेडक्रॉस आदि से नवप्रवेशित विद्यार्थियों को अवगत कराया। उसके बाद महाविद्यालय की डायरेक्टर ने श्रीमती रीनू जैन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्य मुख्य प्रावधान, विशेषताएं एवं लाभ से नवप्रवेशित विद्यार्थियों को अवगत कराया। अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रितेश वर्मा ने विद्यार्थियों द्वारा चयन किये जाने वाले कोर्सेस जेनेरिक इलेक्टिव का समूह तथा वैल्यू अडिशन कोर्स का समूह की व्याख्या किया ताकि विद्यार्थियों को इच्छाकृत कोर्स चयन करने में सुविधा हो सके। उसके बाद क्रेडिट आधारित कोर्सेस, सतत् आतंरिक मूल्यांकन एवं अंत सेमेस्टर परीक्षा से संबंधित प्रावधानों की व्याख्या किया ताकि विद्यार्थियों समस्त प्रावधानों से भलिभांति अवगत हो सके।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री विनीतेश गुप्ता ने किया।
इस कार्यक्रम की कुछ प्रमुख झलकियां इस प्रकार रही –