महाविद्यालय में आज यूथ क्लब, रेडक्रास एवं आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वाधान में Y20 का चार दिवसीय व्याख्यान माला के तीसरे दिन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया । आज इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री स्वामी तन्मयानंद जी, सचिव, रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम अंबिकापुर एवं दूसरे वक्ता डॉ.अर्णब बनर्जी, विभागप्रमुख, पर्यावरण अध्ययन विभाग, विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग, संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय अंबिकापुर रहे। कार्यक्रम में महाविद्यालय के मुख्य सलाहकार श्री राहुल जैन, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.रितेश वर्मा एवं रेड क्रॉस एवं यूथ क्लब के प्रभारी श्री संदीप डे मौजूद थे।
कार्यक्रम के आरंभ में श्री स्वामी तन्मयानंद जी का सम्मान महाविद्यालय के सलाहकार श्री राहुल जैन के द्वारा एवं डॉ.अर्णब बनर्जी का सम्मान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रितेश वर्मा के द्वारा महाविद्यालय के परंपरा के अनुरूप पुष्प का एक पौधा देखकर किया गया।
कार्यक्रम के अपने स्वागत उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा ने दोनों वक्ताओं का महाविद्यालय परिवार की ओर से स्वागत करते हुए बताया कि आज के इस Y20 कार्यक्रम में युवा भारत एवं शांति तथा क्लाइमेट चेंज विषय पर व्याख्यान होगा। उन्होंने आगे बताया कि जी-20 की अध्यक्षता माननीय नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में भारत में किया जा रहा है जिसके तहत भारत सरकार के द्वारा युवाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से Y20 का प्रचार- प्रसार का कार्यक्रम किया जा रहा है। Y20 के माध्यम से युवाओं को जोड़ना एक मुहिम है जो सभी कॉलेजों में चल रहा है। उन्होंने कहा की देश के विकास के योगदान के लिएआपको बॉर्डर पर नहीं जाना है, गोली नहीं खानी है इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होकर अपने ज्ञान के स्तर को बढ़ाकर भी देश सेवा कर सकते हैं।
अगली कड़ी में श्री स्वामी तन्मयानंद जी ने छात्र – छात्राओंं को संबोधित करते हुए कहा की आज के इस भागदौड़ भरे जीवन में सभी लोग शांति चाहते हैं, शांति के बहुत सारे मार्ग हैं बस हमें अपने अंदर झांकने की जरूरत है। आज जो युद्ध हम-आप देख रहे हैं सीरिया, तुर्की ,रूस और यूक्रेन जिसके कारण पूरे विश्व में अशांति का वातावरण फैला हुआ है। उन्होंने कहा की सभी के अंदर एक दिव्य आत्मा जिसे प्रकाश कहते हैं और ब्रह्म जिसे परमात्मा कहते हैं विद्यमान हैं हम अपने अंदर के आत्मा के प्रकाश को जगा कर शांति ला सकते हैं जिससे अंधकार को अशांति को मिटाया जा सकता है। उन्होंने कहा की जब हम स्वयं में बदलाव लाकर घर में शांति रखेंगे तब हम खुशहाल रहेंगे तभी हम राष्ट्र में फैली अशांति को दूर कर पाएंगे। हर व्यक्ति को शांति प्राप्ति के लिए अपना कोशिश जारी रखना होगा तभी हम घर में परिवार समाज में और देश में शांति ला सकते हैं। उन्होंने भारतीय एवं पाश्चात्य विचारकों के विचारों उदाहरण के माध्यम से बताने का प्रयास किया। उन्होंने आगे बताया कि हमारे जीवन में अशांति तभी होती है जब हम शांति के घटक को नहीं समझ पाते हैं। उन्होंने कहा की युद्ध करना बुरा नहीं है हजारों साल पहले तक युद्ध होता रहा है लेकिन युद्ध का उद्देश्य शांति स्थापित करना होनी चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि यदि आप धार्मिक स्थान में जाएं तो हमेशा शांति मिलती है। उन्होंने कहा कि प्रेम स्नेह से शांति स्थापित हो सकती है। जीवन में चिंतन करेंगे तभी शांति ला सकते हैं और दूसरों तक शांति पहुंचा सकते हैं।
अगली कड़ी में डॉ. अर्नब बनर्जी ने क्लाइमेट चेंज विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से मौसम में हो रहे बदलाव और प्रदूषण से होने वाली हानि का मनुष्य के जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को विस्तार से बताया । उन्होंने कहा कि प्रकृति अपने हिसाब से हवा और मौसम को चलाती है । मनुष्य जिस प्रकार औद्योगिकीकरण और नगरीकरण कर रहा है जंगल को काटकर गांव, गांव को शहर और शहर को महानगर बना रहा है जिसके कारण प्राकृतिक वातावरण में बदलाव आ रहा है जिसके कारण आने वाला वक्त में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले वक्त में धरती का तापमान 6 डिग्री तक बढ़ सकता है जिसके कारण वातावरण में भयंकर बदलाव आएगा। क्लाइमेट चेंज के कारण आने वाले समय में हमारे सामने काफी चुनौतियां आने वाली हैं। इनका निदान हम सभी को मिलकर करना होगा। उन्होंने पर्यावरण प्रदूषण को एक गंभीर समस्या बताया। उन्होंने कहा की पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं का जड़ से समाधान करना होगा तभी प्राकृतिक आपदा को कम से कम किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि सौर ऊर्जा को ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के कारण भारत सरकार को विश्व स्तरीय सेमिनार आयोजन करने का मौका मिला है। उन्होंने छात्र- छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब अपने छोटे-छोटे कार्यों से प्रदूषण को कम कर सकते हैं और पर्यावरण को स्वच्छ बना सकते हैं- जैसे पौधारोपण, प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करके, स्वच्छता का जागरूकता फैलाकर, साइकिल चलाकर इत्यादि।
कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के सलाहकार श्री राहुल जैन छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शांति भी जरूरी है और प्रर्यावरण की शुद्धता भी जरूरी है। आजकल दिन में बहुत गर्मी है और रात में ठंड पड़ने लगती है यह सब क्लाइमेट चेंज के कारण हो रहा है। उन्होंने कहा की यदि आप शांति चाहते हैं तो आप अपने जीवन में विवाद से दूर रहें, अपने बड़ों की बातों का बुरा न माने और गुरु और माता-पिता के बताए हुए मार्ग पर ईमानदारी के साथ चले , आत्मचिंतन कीजिए निश्चित रूप से आपको सफलता भी मिलेगी और शांति भी मिलेगी। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित दोनों वक्ताओं का अपना अमूल्य समय देने के लिए महाविद्यालय परिवार की ओर से धन्यवाद किया और दोनों वक्ताओं को महाविद्यालय के परंपरा के अनुरूप भेंट दिया ।
कार्यक्रम का सफल संचालन भूगोल विभाग के सहायक प्राध्यापक श्री विनीतेश गुप्त के द्वारा किया गया।कार्यक्रम को सफल बनाने में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभागप्रमुख श्री वेद प्रकाश पटेल और सहायक प्राध्यापक श्री फैजुल हुदा का विशेष योगदान रहा।
इस कार्यक्रम की कुछ प्रमुख झलकियां इस प्रकार रही –