Diwali Celebration 2025

🎉 के.आर. टेक्निकल कॉलेज में दीपावली उत्सव का भव्य आयोजन 🪔✨

महाविद्यालय में दीपावली का पर्व हर्षोल्लास, सांस्कृतिक विविधता और उत्कृष्ट रचनात्मकता के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माता लक्ष्मी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई। संपूर्ण सभागार दीपों, पुष्पों और रंगोली से सुसज्जित था, जिससे वातावरण पवित्र और आनंदमय हो उठा। इस अवसर पर महाविद्यालय की डायरेक्टर डॉ. रीनू जैन, प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा, सभी विभागाध्यक्ष, सहायक प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती जयमाला सिंह, सहायक प्राध्यापक (शिक्षा शास्त्र), पार्वती इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेनिंग, रिसर्च एंड मैनेजमेंट बी.एड कॉलेज, सिल्फिली, सूरजपुर तथा सुश्री जूही साहू, शिक्षक, मंजूषा एकेडमी, अंबिकापुर ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

🎙️ प्रमुख वक्तव्य

महाविद्यालय की डायरेक्टर डॉ. रीनू जैन ने कहा कि जीवन में सफलता का वास्तविक मार्ग ईमानदारी, सत्यनिष्ठा और आत्मअनुशासन से होकर गुजरता है। दीपावली का यह पावन पर्व हमें सिखाता है कि जैसे हम अपने घरों में दीये जलाकर अंधकार को दूर करते हैं, वैसे ही हमें अपने मन, विचारों और चरित्र को भी प्रकाशमान बनाना चाहिए, क्योंकि बाहरी दीये कुछ समय के लिए रोशनी देते हैं, परंतु भीतर की रोशनी जीवनभर दिशा प्रदान करती है। उन्होंने विद्यार्थियों को सामाजिक संवेदनशीलता का संदेश देते हुए कहा कि दीपावली केवल अपने घर तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि आस-पास जिन घरों में दीये नहीं जल पा रहे हों, उन्हें रोशन करना भी हमारी मानवता और संस्कृति का कर्तव्य है। अंत में उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए कॉलेज परिवार में प्रेम, सहयोग और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने का आह्वान किया।🪔🌟

प्राचार्य डॉ. रितेश वर्मा ने दीपावली के अवसर पर संवेदनशील अपील जारी करते हुए कहा कि “दिवाली है तो पटाखे तो फूटेंगे ही, लेकिन यदि हम सब थोड़े कम पटाखे फोड़ेंगे तो भी मज़ा उतना ही रहेगा, क्योंकि त्योहार की सच्ची खुशी ज़िम्मेदारी के साथ मनाने में है।” उन्होंने कहा कि अगर आपके आसपास कोई पटाखा फोड़ रहा हो तो उसकी खुशी में शामिल होकर मुस्कुराएँ और ऐसे महसूस करें जैसे आपने ही पटाखा फोड़ा हो। इससे आपके पैसे भी बचेंगे, पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा, पशु-पक्षियों को कम परेशानी होगी और धुआँ कम होकर खुशियाँ ज़्यादा फैलेंगी। उन्होंने संदेश दिया – “कम पटाखे, ज़्यादा रिश्ते… आइए, इस बार खुशियाँ बाँटें, धुआँ नहीं!” और सभी को सुरक्षित, स्वच्छ व आनंदमयी दीपावली की शुभकामनाएँ दीं। 🪔🌟

मुख्य अतिथि श्रीमती जयमाला सिंह ने विद्यार्थियों की रचनात्मकता की सराहना करते हुए कहा कि गलतियों से सीखकर आगे बढ़ना ही सच्ची सफलता है और संस्कृति को जीवित रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। सह-अतिथि सुश्री जूही साहू ने विद्यार्थियों के उत्साह की प्रशंसा करते हुए उन्हें निरंतर अपने कौशल को निखारने की प्रेरणा दी।🪔🌟

सहायक प्राध्यापक सुश्री ऋचा जायसवाल ने दीपावली पर प्रेरक कथा प्रस्तुत की और छात्रा साक्षी कुमारी (बी.सी.ए. तृतीय सेमेस्टर) ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि घर की सफाई के साथ हमें मन और विचारों की भी स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए।🪔🌟

राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के कार्यक्रम अधिकारी श्री विनितेश गुप्ता ने भी अपने कई प्रेरक प्रसंगों के माध्यम से दीपावली के आध्यात्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला तथा संपूर्ण कार्यक्रम का गरिमामय एवं प्रभावी संचालन किया।🪔🌟

🖌️ 1. रंगोली प्रतियोगिता – रंगों में सृजन का उत्सव

🎖 प्रथम: अमीषा सिंह (S4, एम.एससी. बॉटनी तृतीय सेमेस्टर)

🥈 द्वितीय: अंशिता सिंह (S3, बी.सी.ए. तृतीय सेमेस्टर)

🥉 तृतीय: खुशमरन खलखो (S3, एम.एससी. बॉटनी तृतीय सेमेस्टर)

🪔 2. दिया सज्जा प्रतियोगिता – परंपरा की रोशनी, सृजन की चमक

🎖 प्रथम: ज्योति ग्रेस ज़ेस (S2, एम.एससी. बॉटनी तृतीय सेमेस्टर)

🥈 द्वितीय: तनिष्का सिन्हा (S2, बी.सी.ए. तृतीय सेमेस्टर)

🥉 तृतीय: अमीषा सिंह (S4, एम.एससी. बॉटनी तृतीय सेमेस्टर)

🍮 3. “कुछ मीठा हो जाए” प्रतियोगिता – स्वाद और संस्कृति का संगम

🎖 प्रथम: ज्योति ग्रेस ज़ेस (S2, एम.एससी. बॉटनी तृतीय सेमेस्टर)

🥈 द्वितीय: ईशा सरकार (S3, बी.बी.ए. प्रथम सेमेस्टर)

🥉 तृतीय: विभा एक्का (S1, एम.एससी. जूलॉजी प्रथम सेमेस्टर)

🎶 4. सिंगिंग प्रतियोगिता – सुरों की मधुर धारा

🎤 एकल गायन विजेता: आरती (S1, डी.सी.ए.)

🎼 समूह गायन विजेता: आशित एवं अनामिका (S4, एम.एससी. केमिस्ट्री तृतीय सेमेस्टर)

चारों समूह S1, S2, S3 और S4 ने अनुशासन, टीमवर्क और रचनात्मकता का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

अंत में दीपावली की शुभकामनाओं के साथ कार्यक्रम का समापन सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुआ। कार्यक्रम को सफल बनाने में सांस्कृतिक समन्वयक श्री संदीप डे, कार्यक्रम सहायक श्री नितिश साहू, सुश्री एकता सिंह तथा सहायक प्राध्यापकगण श्री विनितेश गुप्ता, सुश्री ममता दुबे, सुश्री दीपशिखा अंबष्ट, श्री विशेक साहू, श्री भरोस राम राजवाड़े, सुश्री रेनू सिंह, श्रीमती पल्लवी तिरोले, सुश्री आशा यादव और श्री रजत सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।